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Ek dukhad Ghatna....

आखिर टूट गयी उम्मीद .......

करीब 87 घंटे चले बचाव कार्य के बाद रविवार दोपहर 1:38 बजे चार साल की बच्ची माही को सेना के जवानों ने बोरवेल से बाहर निकाल लिया, लेकिन जिंदा नहीं। उसकी मौत हो चुकी थी। उसे सेक्टर-आठ स्थित ईएसआइ अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर से जहां पूरा देश स्तब्ध है, वही यह सवाल भी उठा है कि इन सबके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? क्या उन्हें सजा मिलेगी?
सेना ने शनिवार को रेपिड मेट्रो व दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के इंजीनियरों को बचाव कार्य में आगे कर दिया था। सोहराब नामक एक युवक ने बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हथीन [हरियाणा] के निकट ढकनपुर गांव के रहने वाले सोहराब ने इंजीनियरो की मदद करते हुए माही तक पहुंचने और से निकालने में जी-जान लगा दी। रविवार को सुबह छह बजे से माही के समीप बचाव दल पहुंच गया था। उसके बाद प्रशासन ने तीन अस्पतालों में डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया था। मौके पर उन अस्पतालों की एंबुलेंस को भी तैनात कर दिया गया था। माही को निकालने में आ रही दिक्कत के कारण सोहराब को दोबारा सुरंग में उतारा। दोपहर एक बज कर 38 मिनट पर माही को हरे रंग के कपड़े में लपेटकर सेना के जवान तेजी से बाहर आए। उससे पूर्व प्रशासन ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी थी ताकि माही के समीप कोई न आ पाए और उसे अस्पताल ले जाने में समय न लगे। उसे इतनी तेजी से सुरंग से निकाल कर गाड़ी में फिर अस्पताल तक पहुंचाया गया कि कोई कुछ समझ ही नहीं पाया। करीब सवा दो बजे डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित किया तो जिसने सुना, उसकी आंखें नम हो गई। अस्पताल स्टाफ, सेना, प्रशासन, पुलिस और आम लोग भावुक हो गए। बुधवार रात साढ़े दस बजे खेलते-खेलते माही स8र फुट गहरे बोरवेल में गिर गई थी।
कुछ घंटे बाद ही हो गई थी मौत
गुड़गांव। माही की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि बोरवेल में गिरने के चार-पांच घंटे बाद ही उसकी मौत हो चुकी थी। मौत दम घुटने से हुई थी। पोस्टमार्टम के बाद परिजन माही के शव को लेकर उसके पैतृक गांव अलीगढ़ जिले के बरौली कस्बे के लिए रवाना हो गए। माही का अंतिम संस्कार बरौली में ही किया जाएगा। बोरवेल कराने वाले मकान मालिक रोहताश तायल के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन माही की मौत के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया। पुलिस उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।
कब-क्या हुआ
बुधवार रात 10.30 बजे- खेलते-खेलते माही बोरवेल में गिर गई।
रात 12.30 बजे-फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक माही की आवाज आनी बंद हो चुकी थी।
गुरुवार तड़के सात बजे-सेना ने बचाव कार्य शुरू किया।
गुरुवार दोपहर दो बजे-सेना ने बताया, माही बेहोश है। सीसीटीवी कैमरे से आई फोटो में हाथ दिख रहा है। उस पर चींटी रेंग रही है।
गुरुवार शाम पांच बजे-ड्रिल मशीन ने सुरंग बनाने का काम शुरू किया गया। पाइप डाले गए, 70 फुट गहरा गड्ढा तैयार किया गया। जवान सुरंग में उतरे।
शनिवार सुबह आठ बजे-सेना ने बताया, माही के करीब लेकिन चट्टान आ रही रास्ते में।
रविवार दोपहर 1.38 बजे-सेना के जवान माही को लेकर ऊपर आए।
रविवार दोपहर 2.15 बजे-ईएसआइ अस्पताल के डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित कर दिया।

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