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Ranjan Kumar Bharti |
प्रेरक कहानियाँ
आप सभी karjainबाज़ार.com के visitors के लिए प्रस्तुत है लघु और प्रेरक कहानियों की श्रीन्खला जिसे लेकर हाजिर हुये है . रंजन कुमार भारती... प्रेरणा एवं सीख से ओत प्रोत कहानियो की ये श्रीन्खला हरेक बुधवार एवं रविवार को आपके समक्ष प्रस्तुत होगी। इसी क्रम में आज की लघुकथा 'सोच' प्रस्तुत है....1. सोच
एक गरीब बालिका थी . उसके सर पर अन्डो से भरी टोकरी थी। वह बाज़ार जा रही थी. वह सोच रही थी की बाज़ार जाकर वह सभी अन्डो को बेचेगी . आज वह कुछ पैसा बचाएगी . दुसरे दिन वह अन्डो से भरी हुई दूसरी टोकरी खरीदेगी . वह सुन्दर -सुन्दर वस्त्र खरीदेगी।वह गरीब आदमी से विवाह नहीं करेगी . उसको एक अच्छा पति मिलेगा . वह सुख से रहेगी . एसा सोचते -सोचते उसने अपना सर हिलाया . उसके सभी अंडे जमीं पर गिर कर टूट गए . मनुष्य कुछ और सोचता है , इस्वर कुछ और ही करता है।
सच्ची मित्रता।
क्रमश:....
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