शायरे महफिल
हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है!
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है!
सब कुछ है यहाँ बस तू नही!
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!
कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है!
जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है!
तेरे चेहरे की उदासी बता रही है!
मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम!
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी!
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती!
मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती!
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से!
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!
एक दिन हमारे आंसूं हमसे पूछ बैठे!
हमे रोज़ - रोज़ क्यों बुलाते हो!
हमने कहा हम याद तो उन्हें करते हैं तुम क्यों चले आते हो!
जब तक तुम्हें न देखूं!
दिल को करार नहीं आता!
अगर किसी गैर के साथ देखूं!
तो फिर सहा नहीं जाता!
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है!
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों!
यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
गम - ऐ - जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
-संकलन : रंजन कुमार भारती.,
ग्राम +पोस्ट : हरिरहा
भाया : कर्जैन बाज़ार
जिला : सुपौल
बिहार